बस्ती से निकलकर तू हस्ती बन जा लोग तुझे न अपनाएं तो कहना –
– बस्ती से निकलकर तू हस्ती बन जा लोग तुझे न अपनाएं तो कहना –
ऐ मेरे यार ऐ मेरे दिलदार तू बस्ती से निकल और हस्ती बन जा
लोग तुझे न अपनाएं तो कहना,
बस्ती से लेकर हस्ती तक पहुंचने का जो संघर्ष है वो न गुनगुनाए तो कहना,
जब तक बस्ती में था तू तब तेरे अपने भी हुए थे पराए,
आज जब तू हस्ती है तेरी पराए भी अपने न हुए हो तो कहना,
लगातार तू संघर्ष कर यह दुनिया तेरे संघर्ष को न याद कर पाए तो कहना,
आज जब है तू संघर्षशील तेरे शिखर पर पहुंचने पर तेरे वाह वाही न कर पाए तो कहना,
तूझे जो निकृष्ठ निकम्मा समझने वाले,
तुझे ही उत्कृष्ठ , काबिल न समझे तो कहना,
तेरे अपने जो बन गए थे सपने ,
वो एक दिन में ही न बन जाए हकीकत तो कहना,
भरत बस्ती से निकलकर हस्ती बन जा,
लोग तेरे न हो जाए तो कहना,
✍️✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान