बसन्त के फूल
फूल।पुष्प।प्रसून ।
सरसों उमड़ी खेत में, ,,,खिले बसन्ती फूल ।
तेरे मेरे प्यार का,,,,,,,,,,,, मौसम है अनुकूल ।।
परसो पनपे पात संग,,,,,, पावन पुष्प प्रसून ।
पुलकित हो प्रभात में , कम हो गया जुनून ।
सुख दुख कांटे फूल है ,कभी धूप सा छाव ।
बनी रहे समरूपता,, मरहम हो या घाव ।।
राम केश मिश्र