Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Feb 2021 · 1 min read

बसना चाहे जहां खुदा

दामन
साफ था
उस पर छींटे पड़े पर
वह धुल गया
बादलों के पीछे से
बाहर निकले
चांद सा
फिर चमक गया
पाक साफ दिल
होना चाहिए
यह जिस्म की
इमारत नहीं
बसना चाहे
जहां खुदा
वह जगह एक जन्नत सी
एक इबादत नेक खयालों की।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
253 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Minal Aggarwal
View all
You may also like:
ग़ज़ल _क़सम से दिल में, उल्फत आ गई है ।
ग़ज़ल _क़सम से दिल में, उल्फत आ गई है ।
Neelofar Khan
4764.*पूर्णिका*
4764.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ज़ख़्म ही देकर जाते हो।
ज़ख़्म ही देकर जाते हो।
Taj Mohammad
दिल के रिश्तों को संभाले रखिए जनाब,
दिल के रिश्तों को संभाले रखिए जनाब,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सत्यव्रती धर्मज्ञ त्रसित हैं, कुचली जाती उनकी छाती।
सत्यव्रती धर्मज्ञ त्रसित हैं, कुचली जाती उनकी छाती।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मोहब्बत ना सही तू नफ़रत ही जताया कर
मोहब्बत ना सही तू नफ़रत ही जताया कर
Gouri tiwari
आत्मीयकरण-1 +रमेशराज
आत्मीयकरण-1 +रमेशराज
कवि रमेशराज
होली के मजे अब कुछ खास नही
होली के मजे अब कुछ खास नही
Rituraj shivem verma
कविता
कविता
Mahendra Narayan
पुण्यधरा का स्पर्श कर रही, स्वर्ण रश्मियां।
पुण्यधरा का स्पर्श कर रही, स्वर्ण रश्मियां।
surenderpal vaidya
आज कल कुछ इस तरह से चल रहा है,
आज कल कुछ इस तरह से चल रहा है,
kumar Deepak "Mani"
चला आया घुमड़ सावन, नहीं आए मगर साजन।
चला आया घुमड़ सावन, नहीं आए मगर साजन।
डॉ.सीमा अग्रवाल
यह क्या है?
यह क्या है?
Otteri Selvakumar
-Relationships require effort.
-Relationships require effort.
पूर्वार्थ
❤️मेरी मम्मा ने कहा...!
❤️मेरी मम्मा ने कहा...!
Vishal Prajapati
नाम उल्फत में तेरे जिंदगी कर जाएंगे।
नाम उल्फत में तेरे जिंदगी कर जाएंगे।
Phool gufran
Friendship Day
Friendship Day
Tushar Jagawat
ढ़ूंढ़ रहे जग में कमी
ढ़ूंढ़ रहे जग में कमी
लक्ष्मी सिंह
साथ मेरे था
साथ मेरे था
Dr fauzia Naseem shad
छोड़ जाते नही पास आते अगर
छोड़ जाते नही पास आते अगर
कृष्णकांत गुर्जर
आ अब लौट चले
आ अब लौट चले
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
कड़वा बोलने वालो से सहद नहीं बिकता
कड़वा बोलने वालो से सहद नहीं बिकता
Ranjeet kumar patre
चांद-तारे तोड के ला दूं मैं
चांद-तारे तोड के ला दूं मैं
Swami Ganganiya
धृतराष्ट्र की आत्मा
धृतराष्ट्र की आत्मा
ओनिका सेतिया 'अनु '
"इम्तहान"
Dr. Kishan tandon kranti
शिक्षक की भूमिका
शिक्षक की भूमिका
Shashi kala vyas
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
..
..
*प्रणय*
भरम
भरम
Shyam Sundar Subramanian
सकट चौथ की कथा
सकट चौथ की कथा
Ravi Prakash
Loading...