बसना चाहे जहां खुदा
दामन
साफ था
उस पर छींटे पड़े पर
वह धुल गया
बादलों के पीछे से
बाहर निकले
चांद सा
फिर चमक गया
पाक साफ दिल
होना चाहिए
यह जिस्म की
इमारत नहीं
बसना चाहे
जहां खुदा
वह जगह एक जन्नत सी
एक इबादत नेक खयालों की।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001