बसंत के रंग
बसंत के रंग आओ,
देखें फूलों के संग।
खिल उठी है बहार,
बाग बगीचे हुए गुलजार।
आयी किसानों के खेतों में भी जान,
जवान हुई सरसों कर फूलों का सिंगार।
पीले पीले खेत हुए हैं, है किसान महान।
हर तरफ पीला रंग है छाया,
खुशियों का माहौल है आया।
होठो पर रुका प्यार लाती है बसंत,
तभी तो युवाओं को ज्यादा भाती है बसंत।
पेड़ों पर है छायी हरियाली,
पतझड़ से हुआ छुटकारा।
हर तरफ मस्ती ने पांव पसारा।
बच्चों ने भी है खुशी मनाई,
उनको मिल गया पतंग भाई