Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Feb 2017 · 1 min read

बसंत का पुनरागमन

बसंत पर मन के कुछ भाव????

“”खिलें पुष्प हैं गुलशन- गुलशन,
महकें मंजरीं उपवन-उपवन.

फागुन की मदमस्त बयार ,
झूम उठाए सबके तनमन.

मीठी सी बाकी है सिहरन,
बीत गई है शिशिर चुभन.

भेद कुहासा दिखें दिवाकर,
धूप गुनगुनी सहलाती तन.

कूकेँ कोयल डाली डाली,
उड़े तितलियाँ हुलसित मन.

कनक बालियाँ नर्तन करतीं,
आह्लाद भरें कृषकों के मन….-“”

प्रवीण त्रिपाठी
19 फरवरी 2017

Language: Hindi
271 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मात -पिता पुत्र -पुत्री
मात -पिता पुत्र -पुत्री
DrLakshman Jha Parimal
नग मंजुल मन मन भावे🌺🪵☘️🍁🪴
नग मंजुल मन मन भावे🌺🪵☘️🍁🪴
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
रामेश्वरम लिंग स्थापना।
रामेश्वरम लिंग स्थापना।
Acharya Rama Nand Mandal
जो मुस्किल में छोड़ जाए वो यार कैसा
जो मुस्किल में छोड़ जाए वो यार कैसा
Kumar lalit
दोस्ती के नाम.....
दोस्ती के नाम.....
Naushaba Suriya
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
सरस रंग
सरस रंग
Punam Pande
सावन‌....…......हर हर भोले का मन भावन
सावन‌....…......हर हर भोले का मन भावन
Neeraj Agarwal
पहाड़ पर कविता
पहाड़ पर कविता
Brijpal Singh
कहां से कहां आ गए हम..!
कहां से कहां आ गए हम..!
Srishty Bansal
देश का वामपंथ
देश का वामपंथ
विजय कुमार अग्रवाल
राह पर चलते चलते घटित हो गई एक अनहोनी, थम गए कदम,
राह पर चलते चलते घटित हो गई एक अनहोनी, थम गए कदम,
Sukoon
"तोता"
Dr. Kishan tandon kranti
संत गाडगे सिध्दांत
संत गाडगे सिध्दांत
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
इस क़दर
इस क़दर
Dr fauzia Naseem shad
निराली है तेरी छवि हे कन्हाई
निराली है तेरी छवि हे कन्हाई
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
SURYA PRAKASH SHARMA
दीपोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभ मंगलकामनाएं
दीपोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभ मंगलकामनाएं
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
दर्दे दिल की दुआ , दवा , किस से मांगू
दर्दे दिल की दुआ , दवा , किस से मांगू
श्याम सिंह बिष्ट
*दौड़ा लो आया शरद, लिए शीत-व्यवहार【कुंडलिया】*
*दौड़ा लो आया शरद, लिए शीत-व्यवहार【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
फ़लसफ़ा है जिंदगी का मुस्कुराते जाना।
फ़लसफ़ा है जिंदगी का मुस्कुराते जाना।
Manisha Manjari
तारों से अभी ज्यादा बातें नहीं होती,
तारों से अभी ज्यादा बातें नहीं होती,
manjula chauhan
आगमन राम का सुनकर फिर से असुरों ने उत्पात किया।
आगमन राम का सुनकर फिर से असुरों ने उत्पात किया।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
Labour day
Labour day
अंजनीत निज्जर
सच्चाई ~
सच्चाई ~
दिनेश एल० "जैहिंद"
■ हाथ मे झाड़ू : गर्दभ वाहन...
■ हाथ मे झाड़ू : गर्दभ वाहन...
*Author प्रणय प्रभात*
बेरोजगार लड़के
बेरोजगार लड़के
पूर्वार्थ
वह पढ़ता या पढ़ती है जब
वह पढ़ता या पढ़ती है जब
gurudeenverma198
****प्राणप्रिया****
****प्राणप्रिया****
Awadhesh Kumar Singh
Loading...