बसंत का आगमन
शुभागमन है यह बसंत का
वसुधा के यौवन अनंत का
सुंदर पुष्प खिल उठे तरुवर
आनंदित उल्लास भरे मन
पवन बसंती बही सुगंधित
हुए मुदित वन पर्वत उपवन
निरख ज्योत्स्ना नीर हुलसता
सरिताओं के उदधि कंत का
शुभागमन है यह बसंत का
कोयल की मीठी बोली से
विह्वल हुए सब जीव सुरीले
शोक शुष्क हो गए सभी के
हुए प्रेम रस से सुख गीले
मोद भरी स्वर की ध्वनियों में
कण कण डूबा दिग दिगंत का
शुभागमन है यह बसंत का
वन की हिरनी बाट जोहकर
विकल उड़ाने भर भर आती
नीड़ों में उमगित पक्षी गण
पीड़ाओं की फटती छाती
भरे प्रेम के अश्रु नयन में
स्वागत करते नवल पंत का
शुभागमन है यह बसंत का
भँवरों की गुन गुन सु-माधुरी
कुसुम पुञ्ज पर गूँज रही है
मधु ऋतु के घट पट लहराती
धूप सुनहरी प्रीत गही है
प्रकृति सुसज्जित लिए पूर्णता
परिचय देती निज सुमंत का
शुभागमन है यह बसंत का