बवाल
आज का मुख्य समाचार कि गली के नुक्कड़ एक कुत्ते का शव पड़ा था । उसके चारों तरफ भीड़ जमा थी लोग तरह तरह की बातें कर रहे थे। कुत्ते को किसने मारा होगा कुछ कह रहे थे इसने कुछ लोगों को पहचान लिया था ।जो चोरी करने आए थे। इसलिए उन्होंने इसे मार डाला होगा । पर कुछ इस बात से सहमत नहीं थे। वे कह रहे थे इसमें एक जाति विशेष का हाथ है । जिन्होने दूसरी जाति को बदनाम करने के लिए यह चाल चली है । कुछ लोगों का अलग ही ख्याल था जिनका कहना था कि अपनी राजनीति चमकाने के लिए कुछ विपक्ष के नेता ऐसे काम करवा रहें है। कुछ लोगों की राय थी इसमें कुछ आतंकवादियों का हाथ है। जो आतंक फैलाने के लिए इस तरह के काम कर रहे हैं ।आनन-फानन में मीडिया की टीम भी वहां आ गई ।और फोटोग्राफरों ने विभिन्न कोणों से फोटो निकालने शुरू कर दिए ।और वीडियो ग्राफर ने वीडियो बनाना चालू कर दिया। इसी बीच एक सड़क छाप टुटपुँजिए नेता ने आकर भाषण देना चालू कर दिया ।कि हम इस प्रकार नृसंश हत्या के दोषी लोगों को नहीं छोड़ेंगे और आंदोलन करेंगे। उन्होंने कुत्ते की तारीफ में कसीदे पढ़े कि वह एक वफादार कुत्ता था जिसने गली की सुरक्षा के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। उन्होंने शासन से उस वीरगति प्राप्त कुत्ते का स्मारक बनाने के लिए अनुरोध किया। इस बीच नुक्कड़ में बहुत सी भीड़ जमा हो गई और यातायात बाधित होने लगा। गली के कुछ निठल्ले लड़कों ने नारे लगाना चालू कर दिया। ले के रहेंगे ! ले के रहेंगे ! जुल्म का बदला लेके रहेंगे !
पुलिस ने आकर यातायत बहाल करने और स्थिति नियंत्रण करने के लिए लाठीचार्ज करना शुरू कर दिया। जिससे कुछ युवक घायल हो गए। इसे सुनकर प्रतिपक्ष के कुछ नेता अपने दलबल सहित वहां आ गए ।और स्थिती असमान्य होने लगी। पुलिस एवं प्रशासन के आला अधिकारी वहाँ पहुँचे ।क्योंकि स्थिती नियंत्रण से बाहर होने लगी थी ।पुलिस और लोगों की झड़प में भारी तादाद में लोग घायल हुए। कई लोग गिरफ्तार किए गए।यह खबर शहर मे आग की तरह फैलने लगी । शहर के विभिन्न स्थानों पर दंगे जैसी स्थिति होने लगी । इसलिए प्रशासन ने शहर में कर्फ्यू घोषित कर दिया। इसी दौरान कुछ लोगों ने उस कुत्ते के शव को को वहां से हटाकर कहीं अन्यंत्र डाल दिया। अब वहां कोई शव नहीं था । जिस कुत्ते के लिए इतना बवाल मचा था उसका नामोनिशान अब वहां नहीं था।