बलिदान
एक श्वान को मै रोज सवेरे मेरे दरवाजे आकर कातर दृष्टी से कुछ बासी रोटी की चाह में इंतजार करता देखता, जो कुछ भी उसे मिलता उससे तृप्त होकर चला जाता था।
दिन भर मोहल्ले के बच्चों के साथ वह खेलता ,
और रात में मोहल्ले के चक्कर लगाकर अजनबी लोगों पर भौंकता था।
वह पूरे मोहल्ले को अपना घर समझता था। बच्चे भी उसे प्यार से मोती बुलाते थे।
उन दिनों शहर में चोरी की वारदात बढ़ गई थी।
पुलिस प्रशासन ने लोगों को चेतावनी दी थी कि किसी भी संदिग्ध व्यक्ति के बारे में तुरंत सूचना पुलिस को दें , जिससे शहर में लगातार हो रही चोरियों पर अंकुश लगाकर अपराधियों को पकड़ा जा सके ।
उस दिन मोहल्ले के रामगोपाल मास्टर जी के घर में उनके पुत्र के शिशु , राम गोपाल जी के पोते का प्रथम जन्मदिवस का समारोह था , मोहल्ले के सभी गणमान्य लोगों ने इसमें बढ़-चढ़कर भाग लेकर शिशु को आशीर्वाद दिया।
समारोह करीब रात के 10:00 बजे तक चला , तत्पश्चात् समस्त मेहमान खाना खाकर अपने घर को लौट गए।
रात के करीब 1:30 बजे मोती के जोर-जोर से भौंकने की आवाज सुनाई दी। परंतु लोगों ने पर कोई इस पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया।
परंतु करीब 2:00 बजे मोती के जोर-जोर से रोने की आवाज आने लगी, तब कुछ लोग ने आकर देखा कि मोती ने एक आदमी को पकड़ रखा है , और वह व्यक्ति मोती की पकड़ से छूटने के लिए उस पर लगातार लोहे की रॉड से वार किए जा रहा है , मोती लहूलुहान होकर भी उस व्यक्ति को अपनी गिरफ्त से छोड़ नहीं रहा है।
लोगों को शक हो गया कि हो ना हो वह शख्स कोई चोर था , जिसे मोती ने धर दबोचा था।
लोगों ने तुरंत उस आदमी को पकड़ लिया, लोगों के पकड़ते ही मोती ने अपनी गिरफ्त से उसे आजाद कर दिया।
मोहल्ले वालों ने तुरंत पुलिस को बुलाकर उस आदमी को पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस की पूछताछ में पता चला कि वह एक शातिर चोर शहर होने वाले लगातार चोरियां करने वाले गैंग का सदस्य था , जिसके पकड़े जाने से पुलिस ने उस गैंग के सभी चोरों को गिरफ्तार कर उनसे भारी मात्रा में चोरी का माल बरामद किया, और इस प्रकार शहर में होने वाली लगातार चोरियों पर नियंत्रण पा लिया।
इधर मोती पर लगातार वार होने से वह बहुत लहूलुहान हो गया था, उसे पशु डॉक्टर की भरसक कोशिश के बावजूद भी उसे बचाया ना जा सका।
मोहल्ले वालों का ह्रदय मोती के बलिदान के प्रति कृतज्ञता से भर गया।