बलिदान गीत
बलिदान गीत
ऐ मेरे देश के बच्चों
खुश रहना अपने वतन में
आजाद पंछी बन फिरना
और उड़ना नील गगन में ।
वो याद करो दिन बीते
घर-घर में दहशत भारी
थी देश में जब गुलामी
रोते थे सब नर-नारी ।
कुछ वीर सपूतों ने उठ कर
आजादी की डोर थी थामी
लहरा के तिरंगा प्यारा
थे खदेड़े कुटिल हरामी ।
कई गए जेलों में भूखे
कई खेले खून की होली
कई चूमें फंदें अपने
लगा कर प्राणों की बोली ।
खुश रहना देश के प्यारों
यह कह गए वीर बलिदानी
आओ हम सजल नैनों से
नित-नित याद करे कुर्वानी ।
ललिता कश्यप सायर
जिला बिलासपुर (हि0 प्र0)