बलिदानी रानी दुर्गावती
आज बलिदान दिवस पर इतिहास की वीरांगना गौड़ राज की गौरवांकुर महारानी दुर्गावती की गौरवगथा आपके बीच रख रहा हूं,,,
सभी को जय जुहार सेवा जुहार,,,
शत शत नमन गोंडवाना राज रानी दुर्गावती,,,
✍️मानक लाल मनु?
⚔️बलिदानी रानी दुर्गावती?️
दुर्गावती जन्म 5अक्टूबर1524 को बताता हूं,,
दिव्य झलक चेहरा अलौकिक तेजमय बताता हूं,,
चंदेल वंश की गौरवगथा आज भी लिखी है,,
राज कलिंजर की सन्तान की बात बताता हूं,,
रानी दुर्गावती गोंडवाना राज्य की शान,,
शौर्य पराक्रम मूर्ति जिसकी बात बताता हूं,,
शाह वंश की पुत्रबधू बन यशगाथा फैलाई,,
दुःखद समय भी देखा वो हाल बताता हूं,,
गोद पुत्र रख शासन करना सबकी की भलाई,,
गढ़ मण्डला के सर्वोत्तम कार्य बताता हूं,,
कुएं,वाबड़ी,शालाये,निज प्रयास किये है,,
गौड़ राज्य मैं सब तरफ खुशहाली बताता हूं,,
केंद्र जबलपुर को बनाया जो आज भी प्रसिद्ध है,,
दासी नाम चेरीताल,रानी का रानीताल बताता हूं,,
दीवानों को दी तब्जोह नाम आधारसिंह का,,
आधारताल बनबाये रानी यही बताता हूं,,
सुखी सम्पन्न राज्य जयकार चारों तरफ यश था,,
पर नजरों मैं बाजबहादुर बैरी दिखाता हूं,,
कई बार हमला करने का दुःसाहस कर बैठा था,,
एक तरफ अकबर भी ऐंठ था मैं बताता हूं,,
युद्ध नही होगा रानी गर दो अपने हाथी सरमन,,
वजीर आधारसिंह को हाथ संधि का बढ़ाता हूं,,
मांग नही स्वाभिमानी रानी अकबर भेजा है,,
आसफ खा हुई लड़ाई दुगनी सेना मार गिराता हूं,,
रानी के कम सैनिक फिर बहुत खदेड़ा है,,
पुरुष वेश मैं रण कौशल की कला बताता हूं,,,
3000 मुगल को मार गिराये कुछ भी खोये थे,,
कुछ चोट मौत कई की सारे हाल बताता हूं,,
दूजे दिन फिर घाती मुगली सेना आक्रमणकारी,,
दलबल से कमजोर थी तो पुत्र को छिपाता हूं,,
लड़ते रानी घायल हो गई भुजा तीर लगा है,,
आंख गर्दन चोटिल साहस की बात बताता हूं,,
आन बान शान बच जाये चाहे जान चली जाये,,
विनय वजीर से की गर्दन काटो आदेश सुनाता हूं,,
पंद्रह साल सुखद शासन का अंत हूआ है,,
निज हाथों कटार मार खत्म की लीला बताता हूं,,
आज समाधी स्थल पर श्रद्धा सुमन अर्पित है,,
गौंड वंश की बरेला भूमि को शीश झुकाता हूं,,
नाम अमर धरा छितिज पे अबभी गोंडवाना का,,
याद रहेगा युद्ध समर्पण को माथा नबाता हूं,,
बुझीजोत मनु समर मैं मान मर्यादा खातिर,,
24 जून 1564 को बलिदानी अमर बताता हूं,,
रचना ,,,,,
मानक लाल मनु✍️?