बर्फीली हवाएं
बाहर चल रही है सर्द हवाएं
कुछ तो होने वाला है आज फिर
उड़ा ले जायेगी बादलों को या
हिम का दर्शन होनेवाला है आज फिर।।
महीना जनवरी का पहाड़ों में
ओढ़ता है सफेद चादर पेड़ पर
होती है हर तरफ सफेदी जब
गिरते है बर्फ के फाहे ज़मीन पर।।
कर लेते लोग तैयारी देखते ही
बादलों का झुंड आसमान पर
करता है दृश्य ये मंत्रमुग्ध हमें
जब गिरती है बर्फ ज़मीन पर।।
चल रही सर्द हवाएं फिर वादियों में
जग गई उम्मीदें बर्फ की ये सब देखकर
बढ़ रही है ठंड जितनी इन हवाओं में
छुप गए, पंछी भी जाने कहां ये देखकर।।
बच्चे और नौजवान है इंतजार में
छूने को है बेताब बर्फ को आज
जब थमेगी अब ये रूई की बारिश
खेलेंगे बर्फ से जी भरकर आज।।
चूल्हे के सामने जगह ले रहे है
बुज़ुर्ग भी दुबककर बैठ गए है
ठंड से बचने के लिए आज तो
सब आग का सहारा ले रहे है।।
हो जाता है कठिन जीवन तो
लेकिन मज़ा आता है इस बर्फ में
आ रहे न जाने कहां कहां से
घूमने पर्यटक भी इस बर्फ में।।