बर्फ़ीला क़हर
बर्फ़ीला क़हर
हिमखंड टूटा भाग्य फूटा
लापता लोग उजड़े घर
ज़िंदगी को झकझोरने
आ गया बर्फीला क़हर
उमड़ती नदी वेग विकराल
मानस जीवन उथल पुथल
हिमस्खलन प्रलय मचा गया
जित देखूँ उत जल ही जल
ये कैसा प्रकृति का प्रहार
क्या सृष्टि ले रही परीक्षा
चारों ओर तबाही का तांडव
ना जाने उसकी क्या इच्छा
रेखांकन।रेखा