बरस रोज बारिश
बरस रोज बारिश जमीं पर पड़ेगी
सभी राह जल से सदा को पटेगी
गरज मेघ जब हर किसी को डराते
ठहर धड़कने आपकी तो थमेगी
झमाझम झमाझम मधुर सुर जलद के
छटा इन्द्र धनुषी गगन में दिखेगी
पड़े जब फुहारें सलिल की धरा पर
दिखे भू धुली ताप जन की घटेगी
बरस रोज बारिश जमीं पर पड़ेगी
सभी राह जल से सदा को पटेगी
गरज मेघ जब हर किसी को डराते
ठहर धड़कने आपकी तो थमेगी
झमाझम झमाझम मधुर सुर जलद के
छटा इन्द्र धनुषी गगन में दिखेगी
पड़े जब फुहारें सलिल की धरा पर
दिखे भू धुली ताप जन की घटेगी