बरस बरस के कह रहा है सावन
बरस बरस कह रहा है सावन
प्रियतम तेरी मेरी प्रीत है पावन
रिमझिम रिमझिम सावन बरसे
पिया मिलन को मन तरसे
चारों ओर सखियों का गुंजन
पिया पिया मन बस रंजन
अमवा पर झूले डर गए
सखी सखी री मन खिल गए
श्रंगार कर बैठी मन में लिए कुछ आस
मयूरा नाचे पंख पंख फैलाए पिया आएंगे पास
बगिया बगिया बरसा तेरी बौछार
पंछी चहके मन हरषे आसमा तले सुहानी फुहार
Aouther _ mangla kewat hoshangabad mp