बरसो तो..🙏🙏🙏
ओ मेघा राजा मेघा राजा बरसो तो,
दीनहीन दुखियों के ख्वाजा बरसो तो,
व्याकुल धरती पंख पखेरु पोखर पौधे
हलाकान सब जीव समाजा बरखो तो,
हालत पतली देख रहे हो तीन साल से
अबका फिर से बजे हो बाजा बरसो तो,
मूसर संग मिदरिया सबने खूब नचाई
तोसुई सफल भवो ने काजा बरसो तो,
आसमें तुमरे हमने बोदई धान जुवरिया
उकरा फूटो ताजा ताजा बरसो तो,
बंद किये पट अपने क्यों रुठे हो देवा
तुम हो इन्द्रदेव महाराजा बरसो तो,
इंतजार मैं बेठे हैं हम किसान के बेटे
खोलदो अपने अब दरवाजा बरसो तो ।