बरसा ले लाखों मन पानी
बरसा ले लाखो मन पानी
ये आग तो है दिवानी
इस पानी से और लगेगी
और लगेगी और
देख धड़कन कैसे धड़क रही है
हर बूँद से आग और भड़क रही है
इतनी आसान नहीं बुझ पानी
बरसा ले लाखो मन पानी
ये आग तो है दिवानी
इस मौसम में सब कुछ सुलग रहा है
भीगा है पर जल रहा है
बनने को है नई कोई कहानी
बरसा ले लाखो मन पानी
ये आग तो है दिवानी
ये मौसम अपना जादू दिखा रहा है
जहाँ गिरता है पानी आग लगा रहा है
जला रहा हुस्न जल रही जवानी
बरसा ले लाखो मन पानी
ये आग तो है दिवानी
बरसो ये मन तरसा है
तब जाके सावन बरसा है
बेईमान है मौसम और रुत है सुहानी
बरसा ले लाखो मन पानी
ये आग तो है दिवनी
इस पानी से और लगेगी
और लगेगी और
—ध्यानू