Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jul 2019 · 2 min read

बरसात

शीर्षक-बरसात
मुक्तक माला
विधाता छंद
1222 1222, 1222 1222
1
धरा की देख बैचेनी,…..पवन सौगात ले लाया
तपी थी धूप में धरती,.. गगन बरसात ले आया।
घटा घनघोर है छाई,….लगे पागल हुआ बादल-
सजाकर बूँद बारिश की, चमन बारात ले आया।।
2
तड़पती धूप में धरती,…..परेशां घूमता बादल,
हुई बैचेन वसुधा जब….हमेशा झूमता बादल।
पवन को छेड़ के हरदम, घटा घनघोर कर देता-
गगन से बूँद बरसा कर, धरा को चूमता बादल।।
धरा से हो मिलन उसका, सदा हालात ले आया।
धरा की….।
3
फ़ुहारों ने जमीं चूमी,…. हुई पुलकित धरा सारी,
बहारों को ख़िलाकर के, ..हुई पुष्पित धरा सारी।
खिले हैं बाग वन-उपवन, लगे ज्यूँ गात में उबटन-
नयन मदिरा लगे दरिया, लगे कल्पित धरा सारी।।

4
उमड़ती देख नदिया ये, पहाड़ों से उतर कर के,
जमीं को नापती सारी, चली कैसे सँवर कर के।
उठा है ज्वार सागर में, उसे खुद में समाने को-
उसे आगोश में लेकर, करेगा प्यार जी भर के।
5
बदन को चूम कर देखो, पवन ने आग लगवाई
विरह की वेदना जागी, पिया की याद है आयी।
पिया परदेश में बैठे, प्रिया का दिल कहाँ समझे-
चले आओ सजन तुम भी,अरे बरसात है आयी।।
6
घटा सावन घनेरी है, …….अँधेरी रात कजरारी
चमक बिजुरी कटारी ने, जिया में घात है मारी।
विरह की आग में जलती, तपन की रात ना ढलती-
कटे कैसे अकेले में,……..भरी बरसात ये सारी।।
7
बढ़ा जो खेत में पानी, खिली सूरत किसानों की,
तभी तो झूम के नाची, बुझी हसरत किसानों की।
लिया था कर्ज़ खेतों पे, बड़ा ये बोझ था दिल पे-
हुई बरसात तो देखो, जगी चाहत किसानों की।।
8
फ़टी वसुधा पड़ी सूखी…नयन जज़्बात ले आया,
गिराकर बूँद धरती पर,…जलद सौगात ले आया।
मिलन अम्बर धरा का ये,नया क्या गुल खिलाएगी-
सृजन का बीज बोने का, गगन बरसात ले आया।।
©पंकज प्रियम
गिरिडीह, झारखंड

Language: Hindi
1 Like · 391 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
याद करने के लिए बस यारियां रह जाएंगी।
याद करने के लिए बस यारियां रह जाएंगी।
सत्य कुमार प्रेमी
#अब_यादों_में
#अब_यादों_में
*प्रणय प्रभात*
बाट जोहती पुत्र का,
बाट जोहती पुत्र का,
sushil sarna
करवाचौथ
करवाचौथ
Dr Archana Gupta
आओ गुफ्तगू करे
आओ गुफ्तगू करे
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
कुछ लोगो का दिल जीत लिया आकर इस बरसात ने
कुछ लोगो का दिल जीत लिया आकर इस बरसात ने
सिद्धार्थ गोरखपुरी
साँप और इंसान
साँप और इंसान
Prakash Chandra
3094.*पूर्णिका*
3094.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
यूं तुम से कुछ कहना चाहता है कोई,
यूं तुम से कुछ कहना चाहता है कोई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरे मुक्तक
मेरे मुक्तक
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
💐💐💐💐दोहा निवेदन💐💐💐💐
💐💐💐💐दोहा निवेदन💐💐💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
#छंद के लक्षण एवं प्रकार
#छंद के लक्षण एवं प्रकार
आर.एस. 'प्रीतम'
राम नाम  हिय राख के, लायें मन विश्वास।
राम नाम हिय राख के, लायें मन विश्वास।
Vijay kumar Pandey
पूरी उम्र बस एक कीमत है !
पूरी उम्र बस एक कीमत है !
पूर्वार्थ
मारी थी कभी कुल्हाड़ी अपने ही पांव पर ,
मारी थी कभी कुल्हाड़ी अपने ही पांव पर ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
मनुख
मनुख
श्रीहर्ष आचार्य
मययस्सर रात है रोशन
मययस्सर रात है रोशन
कवि दीपक बवेजा
चारु
चारु
NEW UPDATE
मां का प्यार पाने प्रभु धरा पर आते है♥️
मां का प्यार पाने प्रभु धरा पर आते है♥️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आओ कभी स्वप्न में मेरे ,मां मैं दर्शन कर लूं तेरे।।
आओ कभी स्वप्न में मेरे ,मां मैं दर्शन कर लूं तेरे।।
SATPAL CHAUHAN
गंणतंत्रदिवस
गंणतंत्रदिवस
Bodhisatva kastooriya
है कौन झांक रहा खिड़की की ओट से
है कौन झांक रहा खिड़की की ओट से
Amit Pathak
हिन्दी दोहा बिषय-जगत
हिन्दी दोहा बिषय-जगत
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
चुप रहो
चुप रहो
Sûrëkhâ
घर को छोड़कर जब परिंदे उड़ जाते हैं,
घर को छोड़कर जब परिंदे उड़ जाते हैं,
शेखर सिंह
खुशियों की आँसू वाली सौगात
खुशियों की आँसू वाली सौगात
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जो ना कहता है
जो ना कहता है
Otteri Selvakumar
"स्टेटस-सिम्बल"
Dr. Kishan tandon kranti
मुक्तक
मुक्तक
नूरफातिमा खातून नूरी
मुझको कबतक रोकोगे
मुझको कबतक रोकोगे
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
Loading...