Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 May 2021 · 1 min read

बरसात

कोई मौसम कहाँ होता है बरसात का,
बरसात तो बस बरस जाती है
हालात और समय अनुसार
जब कभी दिल हो जाए अकेला
दुनिया दिखाए अपने रंग
ख़ुद से ही हो जाए हम तंग
तो होती है मन में दुखों की बरसात
जब खिले जीवन में आनंद के फूल
वरदान बन जाए हर भूल
सारे दुःख मिल जाए बीच धूल
तो होती है मन में ख़ुशियों की बरसात
जब बड़ी गलती पर भी मिले छोटी सज़ा
पिता की डाँट में भी आए मज़ा
शैतानियों पर माँ हो जाए झूठ ही ख़फ़ा
तो होती है मन में ममता की बरसात
जब कोई तुम्हारी हर गलती छुपाए
तुम्हारे सारे इल्ज़ाम अपने सिर ले जाए
भाई- बहन बिना स्वार्थ साथ निभाए
तो होती है मन में स्नेह की बरसात
जब कोई तुम्हारे दुःख में दुखी हो जाए
दुनिया में सबसे ज़्यादा कोई तुम्हें चाहे
तुम्हारे बिना एक पल रह न पाए
तो होती है मन में प्रेम की बरसात
बरसात तो बस बरसती है
हालात और समय अनुसार
तो कोई मौसम कहाँ
होता है बरसात है…………….

5 Likes · 10 Comments · 463 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
छोड़ गया था ना तू, तो अब क्यू आया है
छोड़ गया था ना तू, तो अब क्यू आया है
Kumar lalit
केवल “ॐ” कार है
केवल “ॐ” कार है
Neeraj Mishra " नीर "
पढ़े साहित्य, रचें साहित्य
पढ़े साहित्य, रचें साहित्य
संजय कुमार संजू
*** सागर की लहरें....! ***
*** सागर की लहरें....! ***
VEDANTA PATEL
उनके जख्म
उनके जख्म
'अशांत' शेखर
वहाॅं कभी मत जाईये
वहाॅं कभी मत जाईये
Paras Nath Jha
संकल्प
संकल्प
Shyam Sundar Subramanian
राम नाम  हिय राख के, लायें मन विश्वास।
राम नाम हिय राख के, लायें मन विश्वास।
Vijay kumar Pandey
अभिव्यक्ति अभिव्यक्ति क्या है
अभिव्यक्ति अभिव्यक्ति क्या है
प्रेमदास वसु सुरेखा
बताओ कहां से शुरू करूं,
बताओ कहां से शुरू करूं,
Shyamsingh Lodhi Rajput (Tejpuriya)
खुदा सा लगता है।
खुदा सा लगता है।
Taj Mohammad
उफ़ ये कैसा असर दिल पे सरकार का
उफ़ ये कैसा असर दिल पे सरकार का
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
दे संगता नू प्यार सतगुरु दे संगता नू प्यार
दे संगता नू प्यार सतगुरु दे संगता नू प्यार
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आखिरी वक्त में
आखिरी वक्त में
Harminder Kaur
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मैं रंग बन के बहारों में बिखर जाऊंगी
मैं रंग बन के बहारों में बिखर जाऊंगी
Shweta Soni
प्रवाह
प्रवाह
Lovi Mishra
आज के युग के आधुनिक विचार
आज के युग के आधुनिक विचार
Ajit Kumar "Karn"
3250.*पूर्णिका*
3250.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आकाश
आकाश
Dr. Kishan tandon kranti
बुंदेली दोहा -गुनताडौ
बुंदेली दोहा -गुनताडौ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बाल कविता: तितली
बाल कविता: तितली
Rajesh Kumar Arjun
#पर्व_का_संदेश-
#पर्व_का_संदेश-
*प्रणय प्रभात*
भए प्रगट कृपाला, दीनदयाला,
भए प्रगट कृपाला, दीनदयाला,
Shashi kala vyas
याद रक्खा नहीं भुलाया है
याद रक्खा नहीं भुलाया है
Dr fauzia Naseem shad
एक नज़र से ही मौहब्बत का इंतेखाब हो गया।
एक नज़र से ही मौहब्बत का इंतेखाब हो गया।
Phool gufran
शुक्र करो
शुक्र करो
shabina. Naaz
उसकी आवाज़ हरेक वक्त सुनाई देगा...
उसकी आवाज़ हरेक वक्त सुनाई देगा...
दीपक झा रुद्रा
Loading...