बरसात
कोई मौसम कहाँ होता है बरसात का,
बरसात तो बस बरस जाती है
हालात और समय अनुसार
जब कभी दिल हो जाए अकेला
दुनिया दिखाए अपने रंग
ख़ुद से ही हो जाए हम तंग
तो होती है मन में दुखों की बरसात
जब खिले जीवन में आनंद के फूल
वरदान बन जाए हर भूल
सारे दुःख मिल जाए बीच धूल
तो होती है मन में ख़ुशियों की बरसात
जब बड़ी गलती पर भी मिले छोटी सज़ा
पिता की डाँट में भी आए मज़ा
शैतानियों पर माँ हो जाए झूठ ही ख़फ़ा
तो होती है मन में ममता की बरसात
जब कोई तुम्हारी हर गलती छुपाए
तुम्हारे सारे इल्ज़ाम अपने सिर ले जाए
भाई- बहन बिना स्वार्थ साथ निभाए
तो होती है मन में स्नेह की बरसात
जब कोई तुम्हारे दुःख में दुखी हो जाए
दुनिया में सबसे ज़्यादा कोई तुम्हें चाहे
तुम्हारे बिना एक पल रह न पाए
तो होती है मन में प्रेम की बरसात
बरसात तो बस बरसती है
हालात और समय अनुसार
तो कोई मौसम कहाँ
होता है बरसात है…………….