बरसात हो जाये
दिमाग दिल की दहलीज पर आये और बात हो जाये।
खुद में खुद के नए हसीन रिश्ते की, शुरुआत हो जाये।
मैं जब भी उनसे मिलूँ ये ख्वाहिश है मेरी,
गले लगते ही हवा के झोंको वाली बरसात हो जाये।
दिल कहता है इस कदर उनसे बात कीजिये।
बरसात के मौसम में ही मुलाकात कीजिये।
शाम को आने वाले बारिश में वो जाने न पाएं,
बरसात इस कदर हो कि शाम भी रात हो जाये।
गले लगते ही हवा के झोंको वाली बरसात हो जाये।
चल रही है जिंदगी एक तपन मन में लिए।
उनसे मिलने की इच्छा जीवन में लिए।
काश कुछ पल का उनका और मेरा साथ हो जाये।
गले लगते ही हवा के झोंको वाली बरसात हो जाये।
तुम्हे देखूं हर पल और आँखे से उरेख के मिलूँ।
जान लूँ बरसात का हाल, अक्यूवेदर देख के मिलूँ।
काश के उनके हाथ में मेरा हाथ हो जाये।
गले लगते ही हवा के झोंको वाली बरसात हो जाये।
– सिद्धार्थ पाण्डेय