बरसात सा जीवन
एक आम सा जीवन,
बे मौसम बरसात सा जीवन,
कभी सूखा कभी गीला,
नित ही बदलता सा जीवन…
दुख बरसात सा,
खुशियाँ बरसाती,
गुस्सा बरसात सा,
संगी साथी बरसाती…
कभी अनुकूलता की छांव,
कभी द्वंद्व का जीवन,
कभी है नेह अपनो का,
कभी परित्याग का जीवन….
ना संताप पूरा है,
ना हर्ष पूरा है,
ना संघर्ष पूरा है,
ना तो परिणाम पूरा है….
उतराती नाव सा जीवन,
त्रिशंकु सा जीवन,
नित क्षोभ का जीवन,
जिये जा रहे हैं एक,
बड़ा निस्तेज सा जीवन….
©विवेक’वारिद’ *