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3 Jun 2021 · 1 min read

बरसात में गलतियांँ

बरसात में गलतियांँ हो जाती हैं अक्सर ।

तैरने जाते पोखर में जमीन खिसक जाती है तल से,
कुछ लोग बिछड़ जाते कुछ याद आते हैं इस मौसम में,
बरसात में गलतियांँ………………….(१)

मेघो के छा जाने से चमकती है बिजलियांँ,
कहीं गिरती गाज मकानों में प्राणों को हर लेते हैं,
बरसात में गलतियाँ………………….(२)

बरसात की झड़ी भर देती नदियों को उफनाती हैं जल से,
बाढ़ से बह जाते क्षेत्र डूब जाती हैं जिन्दगियाँ,
बरसात में गलतियाँ.………………..(३)

बरसात के आसार बढ़ा देती हैं हिमस्खलन की संभावनाएं अपार ,
लील लेती है जीवन भय देने के साथ-साथ,
बरसात में गलतियांँ…………………(४)

बिन मौसम के भी कभी-कभी हो जाती है बरसात,
पड़ते हैं ओले छोटे-बड़े फसल कर देती है खराब,
बरसात में गलतियाँ…………………(५)

# बुद्ध प्रकाश _ मौदहा, हमीरपुर।

7 Likes · 10 Comments · 379 Views
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