*बरसात (पाँच दोहे)*
बरसात (पाँच दोहे)
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(1)
दिन में बादल छा गए ,लगता जैसे रात
रिमझिम बूँदे पड़ रहीं, वाह-वाह बरसात
(2)
मनभावन मौसम हुआ ,ठंडी ठंडी छाँव
बारिश में मस्ती चली ,धीमे-धीमे पाँव
(3)
बारिश आने से हुआ ,ठंडक का अहसास
स्वर्ग धरा पर आ गया ,देखो कितने पास
(4)
पौधे देखो गा रहे , मीठा – मीठा गान
बारिश में अमृत भरा ,उनको है पहचान
(5)
कुदरत जादू कर रही ,नभ से है बरसात
पानी की बूँदे गिरीं, वाह – वाह क्या बात
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451