बरसात का मौसम
जब सुरज बादलों में छिप
जाता है,
फिर पृथ्वी को बरसात नया
जीवन देने आता हैं।
मिलती है हमे गर्मी की तपिश
से राहत,
बच्चे हो या बड़े -बूढ़े सब करते
बरसात का स्वागत।
बरसात की बूंदों से हो जाती
धरती हरी-भरी,
मैदान और उद्यान की घासें
हो जाती मखमली।
कितना अद्भुत कृत है प्राकृत का,
इंद्रधनुष बढाता है नीले आकाश
की शोभा।
पपीहा पी-पी कोयल कु-कु की
राग सुनाती हैं,
मेंढक की टर्र-टर्र सुनने की
आदत सी बन जाती है।
पंख फैला नाचता मोर
घनघोर बादलों के साथ,
आम-अमरूद और सभी
फलों में बढ़ जाती मिठास।
नदियाँ, तालाब, झील, झरने
पानी से भर जाते है,
पंछियाभी ऊँची उड़ान भर-
भर के बादलों में चहचहाते।
बरसात का मौसम किसानों
के लिए होता है वरदान,
वर्षा ऋतु में जन्म लेते है
भगवान (कृष्ण भगवान)।
(स्व रचित) ……..आलोक पांडेय गरोठ वाले