बरखा
बादल गरजे , बिजली चमके , झमाझम पानी बरसे ।
यही बरखा कहलाए ।।
ताल तलैया जल भरपूर , नदियों में आ जाती पूर , खेत गली पानी सब दूर ।
यही बरखा कहलाए ।।
वर्षा आए , दादुर टर्राए , मोर पपीहा कूक लगाए , चकवा चकवी प्रेम दर्शाए ।
यही बरखा कहलाए ।।
प्रियतमा पिया मिलन को तरसे , ओम् मेघों से संदेशा भिजवाए , नैनन नीर बहाए ।
यही बरखा कहलाए ।।
ओम प्रकाश भारती ओम्