Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jan 2019 · 1 min read

बरखा रानी

आई प्यारी बरखा रानी संग लाई रूत मस्तानी
हर घर आँगन खिली फुलवारी जाने अब किसकी है बारी
पेड़ो की शाखो पर लदी हर डाल फलों से भारी पत्तों पर वर्षा की बूँदें मानो लगती मोती की भाँति
धरती पर पड़ी हर इक बूँद विलीन हो रही मृदा में
पर सागर व सीपी में गिरी बूँद अपना अस्तित्व बना रही
क्या यही मानवता की कहानी बरखा रानी बड़ी सुहानी
गगन में इन्द्रधनुष के रंग किस बात के सूचक
सब रंगों का अपना महत्व
पर सब मिले नीला आसमा लगे सुहाना
आईं प्यारी बरखा रानी संग लाइ रूत मस्तानी
खुशी की लहर सबके मन में छाई
खेतों में फैली हरियाली
खुशी की लहर चहु ओर छाई
आई प्यारी बरखा रानी
संग लाइ रूत मस्तानी !

Language: Hindi
1 Like · 1372 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Neha
View all
You may also like:
रिश्ते
रिश्ते
Sanjay ' शून्य'
अमर्यादा
अमर्यादा
साहिल
कोई ज्यादा पीड़ित है तो कोई थोड़ा
कोई ज्यादा पीड़ित है तो कोई थोड़ा
Pt. Brajesh Kumar Nayak
जिंदगी में रंग भरना आ गया
जिंदगी में रंग भरना आ गया
Surinder blackpen
सच्चा मन का मीत वो,
सच्चा मन का मीत वो,
sushil sarna
*मेरी इच्छा*
*मेरी इच्छा*
Dushyant Kumar
अब तो रिहा कर दो अपने ख्यालों
अब तो रिहा कर दो अपने ख्यालों
शेखर सिंह
जिसके भीतर जो होगा
जिसके भीतर जो होगा
ruby kumari
*दिल चाहता है*
*दिल चाहता है*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अति वृष्टि
अति वृष्टि
लक्ष्मी सिंह
अब तो  सब  बोझिल सा लगता है
अब तो सब बोझिल सा लगता है
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
गौतम बुद्ध है बड़े महान
गौतम बुद्ध है बड़े महान
Buddha Prakash
कमाई / MUSAFIR BAITHA
कमाई / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
मैंने कभी भी अपने आप को इस भ्रम में नहीं रखा कि मेरी अनुपस्थ
मैंने कभी भी अपने आप को इस भ्रम में नहीं रखा कि मेरी अनुपस्थ
पूर्वार्थ
जब उम्र कुछ कर गुजरने की होती है
जब उम्र कुछ कर गुजरने की होती है
Harminder Kaur
// लो फागुन आई होली आया //
// लो फागुन आई होली आया //
Surya Barman
कभी अपने लिए खुशियों के गुलदस्ते नहीं चुनते,
कभी अपने लिए खुशियों के गुलदस्ते नहीं चुनते,
Shweta Soni
3169.*पूर्णिका*
3169.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"सवाल"
Dr. Kishan tandon kranti
रिश्तों को कभी दौलत की
रिश्तों को कभी दौलत की
rajeev ranjan
प्रेम
प्रेम
Prakash Chandra
शायरी - गुल सा तू तेरा साथ ख़ुशबू सा - संदीप ठाकुर
शायरी - गुल सा तू तेरा साथ ख़ुशबू सा - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
*कालरात्रि महाकाली
*कालरात्रि महाकाली"*
Shashi kala vyas
पहले क्यों तुमने, हमको अपने दिल से लगाया
पहले क्यों तुमने, हमको अपने दिल से लगाया
gurudeenverma198
तुम अगर कांटे बोओऐ
तुम अगर कांटे बोओऐ
shabina. Naaz
हमारा जन्मदिवस - राधे-राधे
हमारा जन्मदिवस - राधे-राधे
Seema gupta,Alwar
😜 बचपन की याद 😜
😜 बचपन की याद 😜
*Author प्रणय प्रभात*
🌿⚘️ मेरी दिव्य प्रेम कविता ⚘️🌿
🌿⚘️ मेरी दिव्य प्रेम कविता ⚘️🌿
Ms.Ankit Halke jha
Bahut hui lukka chhipi ,
Bahut hui lukka chhipi ,
Sakshi Tripathi
कोई मंत्री बन गया , डिब्बा कोई गोल ( कुंडलिया )
कोई मंत्री बन गया , डिब्बा कोई गोल ( कुंडलिया )
Ravi Prakash
Loading...