Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jul 2022 · 1 min read

बरखा रानी तू कयामत है …

हम तेरा करते हैं बहुत ,
तुझे प्यार भी करते है बहुत ।

तेरे दीदार के लिए ए जालिम!,
इंतजार करते है पूरे साल बहुत ।

तेरी फुहारों में भीगेंगे ,मस्ती करेंगे ,
जब तू पुरे जोश से बरसेगी बहुत ।

चाय ,पकोड़े और फिर तेरा साथ ,
भीगे मौसम में आता है मजा बहुत ।

मगर पहले तो तू जल्दी आती नही ,
आती है गर एक तूफान मचाती है बहुत ।

आते ही तेरे घरों की बिजली गुल हो जाती है ,
और फिर कई घंटों तड़पाती है यह बहुत ।

सड़कों और नालियों का फर्क मिट जाता है ,
जब तू घटाटोप बरसती है लगातार बहुत ।

पूरा का पूरा शहर डूब जाता है पानी में ,
बाढ़ जैसे हालात बन जाते है बहुत ।

कहीं बिजली गिरती,कहीं बादल फटते,
ओले पड़ने से फसलें बर्बाद होती बहुत ।

कहीं लोग तेरे संग आनंद मना रहे होते ,
तो कहीं कई जीवन तबाह हो जाते बहुत ।

तुम्हारा क्रोध देखकर तो यूं लगता है ,
जैसे तुम कोई खुन्नस निकाल रही हो बहुत ।

लो! ले लो मजा मेरे मौसम का अच्छी तरह से ,
इंतजार कर रहे थे ना तुम मेरा बहुत ।

अरे बरखा रानी !हम तेरे मोहक रूप पर मरते है ,
अपना कयामत का रूप ना दिखा तू बहुत ।

हमारी तुझसे प्रार्थना है बरखा रानी !
तू मन चाहे सरकार के कुव्यवस्था की पोल खोल ले,
मगर गरीबों / बेसहारों पर तो रहम कर बहुत ।

Language: Hindi
2 Likes · 4 Comments · 540 Views
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all

You may also like these posts

** सपने सजाना सीख ले **
** सपने सजाना सीख ले **
surenderpal vaidya
सहज गैर के पास
सहज गैर के पास
RAMESH SHARMA
आंख अपनी चुराना नहीं चाहिए।
आंख अपनी चुराना नहीं चाहिए।
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
दिल का हाल
दिल का हाल
Ram Krishan Rastogi
पुर शाम की तन्हाइयां जीने नहीं देती।
पुर शाम की तन्हाइयां जीने नहीं देती।
Kumar Kalhans
दोस्तो रौ साथ
दोस्तो रौ साथ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
वैसे कार्यों को करने से हमेशा परहेज करें जैसा कार्य आप चाहते
वैसे कार्यों को करने से हमेशा परहेज करें जैसा कार्य आप चाहते
Paras Nath Jha
ढूँढू मैं तुम्हे कैसे और कहाँ ?
ढूँढू मैं तुम्हे कैसे और कहाँ ?
Abasaheb Sarjerao Mhaske
शराब हो या इश्क़ हो बहकाना काम है
शराब हो या इश्क़ हो बहकाना काम है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
#विषय --रक्षा बंधन
#विषय --रक्षा बंधन
rekha mohan
ভালোবাসার ধর্ম
ভালোবাসার ধর্ম
Arghyadeep Chakraborty
श्रम-यज्ञ
श्रम-यज्ञ
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
कौन यहाँ पर किसकी ख़ातिर,, बैठा है,,
कौन यहाँ पर किसकी ख़ातिर,, बैठा है,,
Shweta Soni
चोर साहूकार कोई नहीं
चोर साहूकार कोई नहीं
Dr. Rajeev Jain
विरक्ति
विरक्ति
Deepesh Dwivedi
शाम ढलते ही
शाम ढलते ही
Davina Amar Thakral
फिर से अपने चमन में ख़ुशी चाहिए
फिर से अपने चमन में ख़ुशी चाहिए
Monika Arora
*युद्ध लड़ सको तो रण में, कुछ शौर्य दिखाने आ जाना (मुक्तक)*
*युद्ध लड़ सको तो रण में, कुछ शौर्य दिखाने आ जाना (मुक्तक)*
Ravi Prakash
अशोक पुष्प मंजरी घनाक्षरी
अशोक पुष्प मंजरी घनाक्षरी
guru saxena
हमने तूफानों में भी दीपक जलते देखा है
हमने तूफानों में भी दीपक जलते देखा है
डॉ. दीपक बवेजा
..........?
..........?
शेखर सिंह
पांडव संग गोपाल नहीं
पांडव संग गोपाल नहीं
Madhuri mahakash
അക്ഷരങ്ങൾ
അക്ഷരങ്ങൾ
Heera S
होके रुकसत
होके रुकसत
Awneesh kumar
इन दरकती रेत की दीवारों से,
इन दरकती रेत की दीवारों से,
श्याम सांवरा
जीवन बिता रहे है मजदूर मुफलिसी का ।
जीवन बिता रहे है मजदूर मुफलिसी का ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
मंगलमय नव वर्ष
मंगलमय नव वर्ष
अवध किशोर 'अवधू'
आई है होली
आई है होली
Meera Thakur
There are opportunities that come and go, like the trains on
There are opportunities that come and go, like the trains on
पूर्वार्थ
मुहब्बत में उड़ी थी जो ख़ाक की खुशबू,
मुहब्बत में उड़ी थी जो ख़ाक की खुशबू,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...