Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Feb 2023 · 1 min read

सहज गैर के पास

जाहिर अपनों से किए, मैने क्या अहसास।
पहुंच गया हर राज खुद,सहज गैर के पास ।।
रमेश शर्मा

Language: Hindi
1 Like · 166 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कविता
कविता
Rambali Mishra
नारी बिन नर अधूरा🙏
नारी बिन नर अधूरा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
गले लोकतंत्र के नंगे / मुसाफ़िर बैठा
गले लोकतंत्र के नंगे / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ: दैनिक समीक्षा* दिनांक 5 अप्रैल
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ: दैनिक समीक्षा* दिनांक 5 अप्रैल
Ravi Prakash
"तुर्रम खान"
Dr. Kishan tandon kranti
कुंडलिया - गौरैया
कुंडलिया - गौरैया
sushil sarna
बच्चों के साथ बच्चा बन जाना,
बच्चों के साथ बच्चा बन जाना,
लक्ष्मी सिंह
सफलता
सफलता
Vandna Thakur
उससे तू ना कर, बात ऐसी कभी अब
उससे तू ना कर, बात ऐसी कभी अब
gurudeenverma198
चलो स्कूल
चलो स्कूल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
इशारों इशारों में ही, मेरा दिल चुरा लेते हो
इशारों इशारों में ही, मेरा दिल चुरा लेते हो
Ram Krishan Rastogi
फिर एक पल भी ना लगा ये सोचने में........
फिर एक पल भी ना लगा ये सोचने में........
shabina. Naaz
चौथापन
चौथापन
Sanjay ' शून्य'
" रहना तुम्हारे सँग "
DrLakshman Jha Parimal
सोच ऐसी रखो, जो बदल दे ज़िंदगी को '
सोच ऐसी रखो, जो बदल दे ज़िंदगी को '
Dr fauzia Naseem shad
बुंदेली दोहा- गरे गौ (भाग-1)
बुंदेली दोहा- गरे गौ (भाग-1)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
संवेदना कहाँ लुप्त हुयी..
संवेदना कहाँ लुप्त हुयी..
Ritu Asooja
تہذیب بھلا بیٹھے
تہذیب بھلا بیٹھے
Ahtesham Ahmad
सच जिंदा रहे(मुक्तक)
सच जिंदा रहे(मुक्तक)
दुष्यन्त 'बाबा'
पतझड़
पतझड़
ओसमणी साहू 'ओश'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
गुरू शिष्य का संबन्ध
गुरू शिष्य का संबन्ध
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
घर की चाहत ने, मुझको बेघर यूँ किया, की अब आवारगी से नाता मेरा कुछ ख़ास है।
घर की चाहत ने, मुझको बेघर यूँ किया, की अब आवारगी से नाता मेरा कुछ ख़ास है।
Manisha Manjari
चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गायें
चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गायें
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"" *आओ करें कृष्ण चेतना का विकास* ""
सुनीलानंद महंत
जो परिवार और रिश्ते आपने मुद्दे आपस में संवाद करके समझ बूझ
जो परिवार और रिश्ते आपने मुद्दे आपस में संवाद करके समझ बूझ
पूर्वार्थ
राम नाम सर्वश्रेष्ठ है,
राम नाम सर्वश्रेष्ठ है,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
तन्हाई
तन्हाई
Sidhartha Mishra
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
गुलदस्ता नहीं
गुलदस्ता नहीं
Mahendra Narayan
Loading...