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25 Nov 2017 · 1 min read

बन जाऊँ अच्छा इंसान

मन से तन से शुचि पावन हो
मांग रहा माँ यह वरदान
बनना नहीं बडा मुझको बस
केवल मुझमे हो कुछ ज्ञान
सही गलत का भेद भी जानू
ऐसी मेधा का संज्ञान ।
अधिक चाह न हो जीवन में
लोगों में हो केवल पहचान ।
केवल कुटी खुशी की होवे
बजता रहे मधुरतम् तान।
लोभ मोह तो दूर रहे
केवल धन संतोष महान।
माँ तुम सदय हृदय धारिणी
मुझको दे दो कुछ वरदान ।
धर्म बना हो जीवन में
बन जाऊँ अच्छा इंसान ।
विन्ध्यप्रकाश मिश्र विप्र
9198989831

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 534 Views
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