बनो महान
खुशी औ शांति
धन दौलत पावर प्रसिद्धि,
ज्यादातर लोगों की सोंच
पर ऐसा है नहीं।
दुखी होते वे भी
जिनके पास ये सब,
नहीं दे पाती कोई भी चीज
हमेशा खुशी, होती ये अस्थायी।
जैसे श्रृष्टि का हर उपक्रम नश्वर
वैसे खुशियाँ भी,
चाहिए हर पल नई खुशियाँ
करो प्रयास भरपूर पर हो न पाएगा।
समझ ऐ ना समझ
भौतिकता मे खुशियाँ मृगमरीचिका,
चेतो समय रहते नही तो पछताओगे।
टटोलो अन्तर्मन
चिंतन मनन ध्यान अन्तर्मुख,
यहीं स्थायी सुख औ शांति पाओगे।
जगत कल्याण के साथ
निज हित भी साधोगे।
नही कोई अन्य विकल्प,
मत हो परेशान ऐ नादान
यही है राह
बस यही एक राह
बनो महान,
बनो महान।
स्वरचित मौलिक सर्वाधिकार सुरक्षित
?
अश्वनी कुमार जायसवाल कानपुर 9044134297