बने मुश्किल से जो रिश्ते
बने मुश्किल से जो रिश्ते निभाना छोड़ मत देना
नहीं आयेंगे हम लेकिन बुलाना छोड़ मत देना
करेंगी भीड़ में तनहा बड़ी बदमाश हैं यादें
तसव्वुर मे हमारे खिलखिलाना छोड़ मत देना
निकालो दिल से ठुकरा दो मगर है इल्तिजा इतनी
वो पहले की तरह घर आना-जाना छोड़ मत देना
किसी अगले जनम में आयेंगे फिर तेरी चौखट पर
मगर इस डर से तुम अपना ठिकाना छोड़ मत देना
खुदा से भी मिला देंगे मगर मगरूर होकर के
फकीरों से कभी मिलना-मिलाना छोड़ मत देना
कमाओ खूब दौलत और शोहरत शर्त है लेकिन
वतन के वास्ते ये सर कटाना छोड़ मत देना