बधाई साहित्य पीडिया ____ कविता
***बधाई साहित्य पीडिया बधाई पाठक बंधु***
अनवरत यात्रा पांच बरस की,
साहित्य पीडिया करता रहा।
जब से मैंने जाना परखा,
पटल पर भाव मै भरता रहा।।
पंच में परमेश्वर होते,
मान्यता यही हमारी है।
चलती रहे, बढ़ती रहे।
इस मंच की छवि न्यारी है।।
सृजन हमारा भी,
पांच सौ के पार हुआ।
मंच ही ऐसा है यह सुंदर,
ह्रदय से जिसको प्यार हुआ।।
जब तक है सांसो की सरगम,
स्वर हमारे बहते रहेंगे,
पढ़ते रहेंगे हम सभी को,
पढ़ने की सबसे ही कहेंगे।।
सृजन का संदेश यह मेरा,
जन जन तक पहुंच पाए।
लेखन के कौशल वाले,
मंच नित्य यह अपनाएं।।
राजेश व्यास अनुनय
**जय हिंदी साहित्य पीडिया**