“बधाई और शुभकामना”
डॉ लक्ष्मण झा परिमल
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मनाओ जश्न तुम मिलकर, खुशी के गीत गा लो तुम !
बधाई के सुअवसर पर , गले सबको लगा लो तुम !!
चरण छूओ बड़ों का आज, ले लो तुम दुआ उनकी !
कभी भी साथ ना छूटे ,करो सेवा सदा उनकी !!
करो तुम प्यार ही सबसे, सबों को अपना तुम मानो !
रहो तुम संग जीवन भर, सबों के दर्द को जानो !!
घड़ी ये रोज ही आए, सबों का प्यार मिल जाये !
नहीं इस दिन को हम भूलें, सभी ये फूल खिल जाये !!
हे भगवन ! सब इन्हें देना, जगत में नाम इनका हो !
करें ये लोग की सेवा, सदा ही मान इनका हो !!
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डॉ लक्ष्मण झा परिमल