** बादल का गर्जन **
** बादल का गर्जन
भौरों का गुंजन
इक कसक जगाता है
दिल सहम जाता है
बादल के गर्जन से
बदन नम है वर्षण से
दिल में जगाता अगन है
भँवरा फूलों पर मंडराता है
महक दिलों में जगाता है
दिल कभी महक जाता है
तो कभी बहक जाता है
बादल का गर्जन
भौरों का गुंजन
इक कसक जगाता है ।
?मधुप बैरागी