Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jul 2019 · 1 min read

बदली

बदली

घर की छत पर
बैठे-बैठे
निहार रहा था
बादलों को
तभी एक सुंदर
बदली आई
मेरे मन को खूब भाई
वो आई और
चली गई
मेरी रूह छली गई
विरह की
कढ़ाई में तली गई
वो बदली
जाने कहाँ
बरसी होगी
कहाँ-कहाँ धरती
तरसी होगी

-विनोद सिल्ला©

Language: Hindi
362 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गृहस्थ संत श्री राम निवास अग्रवाल( आढ़ती )
गृहस्थ संत श्री राम निवास अग्रवाल( आढ़ती )
Ravi Prakash
ख़्याल आते ही क़लम ले लो , लिखो तुम ज़िंदगी ,
ख़्याल आते ही क़लम ले लो , लिखो तुम ज़िंदगी ,
Neelofar Khan
परमूल्यांकन की न हो
परमूल्यांकन की न हो
Dr fauzia Naseem shad
मोलभाव
मोलभाव
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*
*"नरसिंह अवतार"*
Shashi kala vyas
*किसान*
*किसान*
Dr. Priya Gupta
Love is a physical modern time.
Love is a physical modern time.
Neeraj Agarwal
देख तुझको यूँ निगाहों का चुराना मेरा - मीनाक्षी मासूम
देख तुझको यूँ निगाहों का चुराना मेरा - मीनाक्षी मासूम
Meenakshi Masoom
गर्म स्वेटर
गर्म स्वेटर
Awadhesh Singh
रेत का ज़र्रा मैं, यूं ही पड़ा था साहिल पर,
रेत का ज़र्रा मैं, यूं ही पड़ा था साहिल पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उम्मीद
उम्मीद
शेखर सिंह
"जोड़ो"
Dr. Kishan tandon kranti
एक दिन थी साथ मेरे चांद रातों में।
एक दिन थी साथ मेरे चांद रातों में।
सत्य कुमार प्रेमी
तुम्हारा जिक्र
तुम्हारा जिक्र
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
...
...
Ravi Yadav
जिंदगी कभी रुकती नहीं, वो तो
जिंदगी कभी रुकती नहीं, वो तो
Befikr Lafz
इस मुस्कुराते चेहरे की सुर्ख रंगत पर न जा,
इस मुस्कुराते चेहरे की सुर्ख रंगत पर न जा,
डी. के. निवातिया
■ हुडक्चुल्लू ..
■ हुडक्चुल्लू ..
*प्रणय प्रभात*
आचार्य - डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
आचार्य - डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"बहनों के संग बीता बचपन"
Ekta chitrangini
* दिल बहुत उदास है *
* दिल बहुत उदास है *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
टूटी ख्वाहिश को थोड़ी रफ्तार दो,
टूटी ख्वाहिश को थोड़ी रफ्तार दो,
Sunil Maheshwari
सांकल
सांकल
Dr.Priya Soni Khare
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
इन रेत के टुकडों से तुम दिल बना ना पाये।
इन रेत के टुकडों से तुम दिल बना ना पाये।
Phool gufran
आने वाले वक्त का,
आने वाले वक्त का,
sushil sarna
2801. *पूर्णिका*
2801. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हे गर्भवती !
हे गर्भवती !
Akash Yadav
खामोशी
खामोशी
पूर्वार्थ
ਹਾਸਿਆਂ ਵਿਚ ਲੁਕੇ ਦਰਦ
ਹਾਸਿਆਂ ਵਿਚ ਲੁਕੇ ਦਰਦ
Surinder blackpen
Loading...