बदला मौसम बदले लोग
कविता
??बदला मौसम बदले लोग??
बदल गयी दुनियाँ ,दिल बेताव सा हैं,|
बदल गये लोग पर,दिन आज कुछ खाक सा हैं,|
टूट गयी घड़ियाँ ,समय बैकार सा हैं,|
रूठ गये लोग अपनों से,समय आज बरखास सा हैं,|
चल गयी हैं आंधियाँ ,दिन आज कुछ खाक सा हैं,|
बिखर गये पेड़, जंगल आज कुछ सुनसान सा हैं,|
बदल गया आदमी, समय अब बैकार सा हैं,|
कहाँ गये बै लोग,दिल आज उदास सा हैं,|
रो रहा हैं दिल,आँखों में सैहलाब सा है,|
बह रही हैं नदियाँ,समुद्र आज तालाब सा हैं,|
बिखर रहें हैं फूल,आदमी आराम सा हैं,|
प्यार करो सब से जिदंगी में नाम सा हैं,|
चले गये वो लोग,उनका भी कुछ नाम सा हैं,|
आ रही हैं याद,दिल में तूफान सा हैं,|
मिल जायें बै लोग ,जिनसे दिल में आराम सा हैं,|
रो रहा हैं मन, आँसू अब सहलाब सा हैं,|
मिल जायेंगे हम सब ,लोग दिल में कुछ लोगों के लिए अंजाम सा हैं,|
बदल गयी हैं,दुनियां दिल में पैग़ाम सा हैं,|
मिल जायें वो लोग,दिल में जिनसे आराम सा हैं,|
बदल गयी हैं दुनियां,दिल बेताव सा हैं,||
लेखक—Jayvind singh