बदलाव
बदलाव
आज हमारा देश की परंपरा बदलते जा रहा है ।
देसी सामान की वस्तु कम होते जा रहा है ।
चाइना एवं विदेशी सामान बढ़ते जा रहा है ।
धोती कुर्ता सूट साड़ी देखने को कम होते जा रहा है। टॉप जींस टाउज़र फैंसी ड्रेस आते जा रहा है ।
आज हमारा देश की परंपरा बदलते जा रहा है ।
नए दौर में नए मशीन आते जा रहा है ।
दिनों दिन मजदूर की रोजगार कम होते जा रहा है। मानव में नई चेतना का विकास होते जा रहा है ।
मगर धर्म आस्था को भूलते जा रहा है ।
आज हमारा देश की परंपरा बदलते जा रहा है।
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रचनाकार कवि डीजेन्द्र क़ुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभवना, बिलाईगढ़, बलौदाबाजार (छ. ग.)
8120587822