Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 May 2024 · 1 min read

बदलाव

बारिश इस बार बरसती है खार सी
तल्ख़ी इसकी भी बड़ गई इंसान सी

हम भी नहाते थे तो तुम भी नहाए
पानी में तब ख़लिश न थी इस बार सी

पंछी उड़ बैठते कभी मंदिर कभी मस्जिद
जगह की पहचान नहीं इन्हें तो इंसान सी

ज़िंदगी ने मायने अपने इस तरह बदले
मौत भी लगने लगी अब तो इनाम सी

वायदे एक दूसरे को निभाने के ले रहे हैं लोग
मोहब्बत है या हो रही तिजारत सामान की

डा राजीव “सागरी”

71 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Rajeev Jain
View all
You may also like:
हर लम्हे में
हर लम्हे में
Sangeeta Beniwal
मैं अपने जीवन की एक कहानी,तुमको,तुमको सुनाता हूँ
मैं अपने जीवन की एक कहानी,तुमको,तुमको सुनाता हूँ
gurudeenverma198
सवाल
सवाल
Manisha Manjari
कभी पलट कर जो देख लेती हो,
कभी पलट कर जो देख लेती हो,
Ajit Kumar "Karn"
Be with someone you can call
Be with someone you can call "home".
पूर्वार्थ
निर्वात का साथी🙏
निर्वात का साथी🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ग़ज़ल _ सर को झुका के देख ।
ग़ज़ल _ सर को झुका के देख ।
Neelofar Khan
इतनी वफ़ादारी ना कर किसी से मदहोश होकर,
इतनी वफ़ादारी ना कर किसी से मदहोश होकर,
शेखर सिंह
हंसी आयी है लबों पर।
हंसी आयी है लबों पर।
Taj Mohammad
"मुश्किल वक़्त और दोस्त"
Lohit Tamta
अटरू ली धनुष लीला
अटरू ली धनुष लीला
मधुसूदन गौतम
सर्द हवाओं का मौसम
सर्द हवाओं का मौसम
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
प्रेम परिवर्तन के ओर ले जाता है, क्रोध प्रतिशोध के ओर, दोनों
प्रेम परिवर्तन के ओर ले जाता है, क्रोध प्रतिशोध के ओर, दोनों
Ravikesh Jha
2904.*पूर्णिका*
2904.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"स्मृति स्तम्भ-गुड़ी"
Dr. Kishan tandon kranti
करना क्या था, मैं क्या कर रहा हूं!
करना क्या था, मैं क्या कर रहा हूं!
Vivek saswat Shukla
सीता ढूँढे राम को,
सीता ढूँढे राम को,
sushil sarna
कमजोर से कमजोर स्त्री भी उस वक्त ताकतवर हो जाती है जब उसे,
कमजोर से कमजोर स्त्री भी उस वक्त ताकतवर हो जाती है जब उसे,
Ranjeet kumar patre
जो तेरे दिल पर लिखा है एक पल में बता सकती हूं ।
जो तेरे दिल पर लिखा है एक पल में बता सकती हूं ।
Phool gufran
मैं बेबाक हूँ इसीलिए तो लोग चिढ़ते हैं
मैं बेबाक हूँ इसीलिए तो लोग चिढ़ते हैं
VINOD CHAUHAN
पल भर तमाशों के बीच ज़िंदगी गुजर रही है,
पल भर तमाशों के बीच ज़िंदगी गुजर रही है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्रेम हो जाए जिससे है भाता वही।
प्रेम हो जाए जिससे है भाता वही।
सत्य कुमार प्रेमी
रंगों का त्योहार होली
रंगों का त्योहार होली
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
सावन
सावन
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
*तेरी याद*
*तेरी याद*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
ओ! मेरी प्रेयसी
ओ! मेरी प्रेयसी
SATPAL CHAUHAN
जीवन के रूप (कविता संग्रह)
जीवन के रूप (कविता संग्रह)
Pakhi Jain
ये ताज़गी ये तबस्सुम और ये ज़िन्दगी
ये ताज़गी ये तबस्सुम और ये ज़िन्दगी
इशरत हिदायत ख़ान
जय श्रीराम
जय श्रीराम
Pratibha Pandey
Loading...