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31 May 2024 · 1 min read

बदलना न चाहने वाले को आप कभी बदल नहीं सकते ठीक उसी तरह जैसे

बदलना न चाहने वाले को आप कभी बदल नहीं सकते ठीक उसी तरह जैसे बदलने वाले को आप बदलने से रोक नहीं सकते “बदलाव” भीतर से उपजता है जब ऋतु आएगी तो उसका उपजना अवश्यंभावी होगा। बाहर की तमाम प्रेरणाएँ तो बस हवा पानी है …

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