बदलते दृश्य
सम्मान-प्रतिष्ठा के प्रभावी दृश्य
सुंदर इतिहास के तुंग स्वर्ण-कलश
सब आदर्श
आदर्श पथप्रदर्शक ज्ञानवान शिक्षक
विज्ञान, साहित्य,भाषा और गणित के धुरंधर
सभी वे याद आते हैं
प्रतापी सूर्य सा प्रखर जाज्वल्य नेतृत्व
पर, यह क्या
अंधेरे स्याह धब्बे सूर्य के भीतर बहुत विकराल
धब्बों के अंधेरे विवर-तल में से
उभरकर उमड़कर बना दल
उड़ते आ गयें गिद्ध झपटने को
झपट ले गए सम्मान प्रतिष्ठा
मुंह ताके खड़े रह गए सब
काले स्याह धब्बे को सूर्य समझ बैठे
समझ कौए को कोयल
काक-राग के तरंगों पे झूम कर
सब इज्जत धूमिल कर बैठे