बदरा तुम क्यों शीत काल में
बदरा क्यों तुम शीत काल में
अंबर के घर आये हो ।
कैसी कामना पूरी करने
बिन बुलाये ही छाये हो ।
शरद गुलाबी को देखकर
मंद मंद मुस्काये हो ।
या चिढ़ाकर फिर उसे तुम
हमे ही सताने आये हो ।
डॉ रीता
बदरा क्यों तुम शीत काल में
अंबर के घर आये हो ।
कैसी कामना पूरी करने
बिन बुलाये ही छाये हो ।
शरद गुलाबी को देखकर
मंद मंद मुस्काये हो ।
या चिढ़ाकर फिर उसे तुम
हमे ही सताने आये हो ।
डॉ रीता