Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 May 2024 · 1 min read

बदमाश किरणें

बड़े बदतमीज हो गए तुम,
क्यों तडपा रहे धरतीवासियों को
खुब लगाई फटकार ,
सूर्य ने अपनी किरणों को।
जब ना मानी बात वह प्रेम से,
दो लगाई चांटा गाल में उसके
बड़े बड़े आंसू गिरने लगे किरणों के
चीख चीख कर रोने लगी वह,
धरती हुई प्रसन्न उसकी हरकत से
क्योंकि आई वर्षों उसके रोने से
बेचारा सुर्य हुआ परेशान
चुप चुप करता था थक गया वह,
आखिर में बोला वह,
चुप हो जा लाडो मेरी
रोना भी तेरा आफ़त हो गया सभी का।

Language: Hindi
94 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

*इश्क़ की आरज़ू*
*इश्क़ की आरज़ू*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
सच्चे प्रेमी कहलाते हैं
सच्चे प्रेमी कहलाते हैं
महेश चन्द्र त्रिपाठी
"संवाद"
Dr. Kishan tandon kranti
नैनो में सलोने सपन भी ख़ूब जगाते हैं,
नैनो में सलोने सपन भी ख़ूब जगाते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हमें तब याद करते है।
हमें तब याद करते है।
Rj Anand Prajapati
मैं तुझसे मोहब्बत करने लगा हूं
मैं तुझसे मोहब्बत करने लगा हूं
Sunil Suman
मन का द्वंद  कहां तक टालू
मन का द्वंद कहां तक टालू
Shubham Pandey (S P)
🤣🤣😂😂😀😀
🤣🤣😂😂😀😀
Dr Archana Gupta
“सोच खा जाती हैं”
“सोच खा जाती हैं”
ओसमणी साहू 'ओश'
किसी के साथ दोस्ती करना और दोस्ती को निभाना, किसी से मुस्कुर
किसी के साथ दोस्ती करना और दोस्ती को निभाना, किसी से मुस्कुर
Anand Kumar
वक़्त को क्या
वक़्त को क्या
Dr fauzia Naseem shad
विज्ञापन
विज्ञापन
MEENU SHARMA
Aaj 16 August ko likhane ka Ehsas Hua bite 2021 22 23 mein j
Aaj 16 August ko likhane ka Ehsas Hua bite 2021 22 23 mein j
Rituraj shivem verma
3565.💐 *पूर्णिका* 💐
3565.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
बस तेरे हुस्न के चर्चे वो सुबो कार बहुत हैं ।
बस तेरे हुस्न के चर्चे वो सुबो कार बहुत हैं ।
Phool gufran
फकीर का बावरा मन
फकीर का बावरा मन
Dr. Upasana Pandey
सबूत- ए- इश्क़
सबूत- ए- इश्क़
राहुल रायकवार जज़्बाती
खिला है
खिला है
surenderpal vaidya
Being with and believe with, are two pillars of relationships
Being with and believe with, are two pillars of relationships
Sanjay ' शून्य'
दोहा
दोहा
sushil sarna
सभी सिखला रहे थे जो सदा सद्धर्म नैतिकता।
सभी सिखला रहे थे जो सदा सद्धर्म नैतिकता।
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
*विद्या  विनय  के  साथ  हो,  माँ शारदे वर दो*
*विद्या विनय के साथ हो, माँ शारदे वर दो*
Ravi Prakash
Sometimes we feel like a colourless wall,
Sometimes we feel like a colourless wall,
Sakshi Tripathi
#तेवरी
#तेवरी
*प्रणय*
ऐ भगतसिंह तुम जिंदा हो हर एक के लहु में
ऐ भगतसिंह तुम जिंदा हो हर एक के लहु में
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
कोशिश करके हार जाने का भी एक सुख है
कोशिश करके हार जाने का भी एक सुख है
पूर्वार्थ
आप ही बदल गए
आप ही बदल गए
Pratibha Pandey
चांद दिलकश चेहरा छुपाने लगा है
चांद दिलकश चेहरा छुपाने लगा है
नूरफातिमा खातून नूरी
कविता
कविता
Shiva Awasthi
मुस्कराहटों के पीछे
मुस्कराहटों के पीछे
Surinder blackpen
Loading...