बदकिस्मत
वह मेरे घर आये और
मुझे कहीं न पाकर
ढूंढ ढांढकर वापिस चले गये
मैं उनके सामने थी
उन्हें देख पाई पर
वह मुझे नहीं देख पाये
कुछ लोग होते ही हैं
बदकिस्मत
उन्हें अच्छे लोगों की
परख नहीं होती
उनका साथ उनके नसीब में
नहीं होता
उनके सानिध्य से भी
वह लाभान्वित नहीं होते
खाली हाथ लेकर
आते हैं
और खाली हाथ लिये वापिस लौटकर
चले जाना ही
उनकी फूटी किस्मत में
लिखा होता है।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001