बढ़ते चले
ओ मंजिल की ओर बढ़ते चले
हमे आगे है बढना बढते चले
जो पीछे रहे वो है उनका कर्म
हमे आगे है बढना बढते रहे
जो उंचाईयों पर पहुंचे अकेले रहे
बाद उनके हमेशा करवा है चले
हमे आगे है बढना बढते ही चले
जब मंजिल मिले कठिनाई हो कम
खुद पर होगा गर्व चेहरा हंसी खिले
हमे आगे है बढना बढते चले