Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Apr 2024 · 1 min read

बर्फ़ के भीतर, अंगार-सा दहक रहा हूँ आजकल-

बडा शर्मसार हो रहा हूँ मैं, ख़ुद से आजकल,
फिर उन्हीं की याद में खो जाता हूँ आजकल।

बड़ी नख़वत से पी लिए थे हम जहर-ए-ज़फ़ा,
वक़्त-बे-वक़्त बीमार पड़ने लगा हूँ आजकल।

छोड़कर नाम उनके ख़ातिर तख़ल्लुस पे आ गए,
तख़ल्लुस भी दिन-ब-दिन बदल रहा हूँ आजकल।

बड़ा गु़रूर था हमें अपनी सुलझी हुई फितरत पर,
बर्फ़ के भीतर अंगार-सा दहक रहा हूँ आजकल।

रोज़ो-शब नई नज़्म कहता हूँ, मगर लगता है,
हर रोज़ एक ही क़लाम पढ़ रहा हूँ, आजकल।

फिर कोई बात है मसला है सिलसिला ज़रूर है,
हूरों को भी, नज़र अंदाज़ कर रहा हूँ आजकल।

122 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shreedhar
View all
You may also like:
सन्देश खाली
सन्देश खाली
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
3004.*पूर्णिका*
3004.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
बचपन के वो दिन कितने सुहाने लगते है
बचपन के वो दिन कितने सुहाने लगते है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
सत्य
सत्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
माँ
माँ
Dinesh Kumar Gangwar
चारों तरफ मीडिया की फौज, बेकाबू तमाशबीनों की भीड़ और हो-हल्ले
चारों तरफ मीडिया की फौज, बेकाबू तमाशबीनों की भीड़ और हो-हल्ले
*प्रणय*
*स्वतंत्रता सेनानी श्री शंभू नाथ साइकिल वाले (मृत्यु 21 अक्ट
*स्वतंत्रता सेनानी श्री शंभू नाथ साइकिल वाले (मृत्यु 21 अक्ट
Ravi Prakash
*****नियति*****
*****नियति*****
Kavita Chouhan
खतडु कुमाउं गढ़वाल के बिच में लड़ाई की वजह या फिर ऋतु परिवर्तन का त्यौहार
खतडु कुमाउं गढ़वाल के बिच में लड़ाई की वजह या फिर ऋतु परिवर्तन का त्यौहार
Rakshita Bora
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
#जिन्दगी ने मुझको जीना सिखा दिया#
#जिन्दगी ने मुझको जीना सिखा दिया#
rubichetanshukla 781
पुराना कुछ भूलने के लिए,
पुराना कुछ भूलने के लिए,
पूर्वार्थ
हम सभी को लिखना और पढ़ना हैं।
हम सभी को लिखना और पढ़ना हैं।
Neeraj Agarwal
आज़ादी के दीवाने
आज़ादी के दीवाने
करन ''केसरा''
" रहनुमा "
Dr. Kishan tandon kranti
रिश्ता
रिश्ता
अखिलेश 'अखिल'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
यह आशामय दीप
यह आशामय दीप
Saraswati Bajpai
सच के साथ ही जीना सीखा सच के साथ ही मरना
सच के साथ ही जीना सीखा सच के साथ ही मरना
इंजी. संजय श्रीवास्तव
बच्चे ही अच्छे हैं
बच्चे ही अच्छे हैं
Diwakar Mahto
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
Otteri Selvakumar
आसमां में चांद प्यारा देखिए।
आसमां में चांद प्यारा देखिए।
सत्य कुमार प्रेमी
रक़ीबों के शहर में रक़ीब ही मिलते हैं ।
रक़ीबों के शहर में रक़ीब ही मिलते हैं ।
sushil sarna
आई होली आई होली
आई होली आई होली
VINOD CHAUHAN
खुद को सही और
खुद को सही और
shabina. Naaz
ज़िम्मेदार ठहराया गया है मुझको,
ज़िम्मेदार ठहराया गया है मुझको,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्यासा के कुंडलियां (दारू -मदिरा) विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा'
प्यासा के कुंडलियां (दारू -मदिरा) विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा'
Vijay kumar Pandey
प्रिये
प्रिये
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ज़िंदगी पर तो
ज़िंदगी पर तो
Dr fauzia Naseem shad
Loading...