बड़े ही इतमिनान से कुदरत को सजाया है
बड़े ही इतमिनान से कुदरत को सजाया है
खुदा ने तेरे बास्ते, दुनिया को बनाया है
प्यार कर सारी दुनिया से, ये रब ने ही बताया है
सभी मालिक के वन्दे हैं, नहीं कोई पराया है
हिंसा पाप है जग में, सभी धर्मों में आया है
सत शांति दया क्षमा, यही धर्म की काया है
हर वो चीज की हाजिर, जो जीवन को जरूरी है
मुफ्त मिलती हैं सभी, जो जीने को जरूरी है
कुदरती हर चीज को, रखना संभाल कर
वेलिहाज न किसी चीज का, वन्दे इस्तेमाल कर
खत्म न कर बजूद, कुछ भी गैरवाजिब नहीं
कुदरत नहीं होगी वन्दे, तो जिंदगी भी नहीं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी