बड़ा मरतबा पाती है।
वह नमाजी पांचों वक्त का है।
उसकी पेशानी बड़ी नूरानी है।।
देश की सरहद पे मिटने को।
भारत की उबलती जवानी है।।
अबना डर किसी से महबूब।
मोहब्बत अपनी जग जानी है।।
बात करते हो तुम डिजिटल की।
मुश्किल से होती यहां किसानी है।।
बहुत बोलते हो तुम निजाम पर।
तुमको अपनी गर्दन कटवानी है।।
सहने में औरत मर्दानी है।
जौहर में झांसी की रानी है।।
जवाब दे दो औरंगजेब को।
वरना मुर्दों कब्र खुदवानी है।।
यूं रहती ना तपिश हमेशा सेहरा में।
कभी कभी वहां भी बरसता पानी है।।
खूबसूरत होता वही चेहरा है।
जिसकी नजर में होता परदा है।।
फिर आई खुश्बू हवा के झोंके में।
महबूब की महक जानी पहचानी है।।
यही दिया तोहफा है उसका।
कैसे भूले बचपन की निशानी है।।
जिंदगी का कोई ना भरोसा।
मौत सच है यह तो आनी है।।
उसकी रंजिश न पूछो यहां पर।
उस पर खुदा की मेहरबानी है।।
जिंदगी की अजब कहानी है।
कभी सेहरा तो कभी पानी है।।
कभी-कभी अम्मा भी डांट खाती है।
प्यार करने को होती सभी की नानी है।।
मुकम्मल जिंदगी कौन जी पाया है।
हो जाती ही है हर किसे से नादानी है।।
औरतों की जिंदगी भी अजब है।
कहीं रानी तो कहीं नौकरानी है।।
इतना ना बरबाद करो इसको।
जीने के लिए जरूरी पानी है।।
माना यूसुफ है सबसे खूबसूरत।
पर मोहम्मद सा ना कोई नूरानी है।।
दूर से लग रही थी सुहानी है।
पास जाकर देखा मौत की खाई है।।
मैं हद से गुजर जाऊंगा इश्क में।
तुमने देखी कहां मेरी दीवानगी है।।
सियासत वाले शातिर होते हैं।
राज करना है तो फूट डलवानी है।।
बेटियां तो दोनों घर में हैं।
गरीब की दासी अमीर की रानी है।।
मिलेगी एक दिन मंजिल उसको।
जिसने इसको पाने की बस ठानी है।।
दिखावे की तेरी सारी इबादत है।
यूं ऐसे तो जन्नत ना मिल जानी है।।
आकर देखो तो क्या इसे हुआ है।
यूं ही किसी की आंख में आता ना पानी है।।
कुछ दिन और सब्र कर लो।
बस चंद दिनों की इनकी हुक्मरानी है।।
देश पर जाने वाली जान।
अमर शहादत की बन जाती कहानी है।।
सरहद पर हर मरने वाली जां।
ता कयामत तक बड़ा मरतबा पाती है।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ