{{ बच्चो सा दिल }}
मेरे प्यार को कुछ यूं सम्भाल के रखता है।
जैसे वो अपना ख्याल रखता है ।।
अपने कानों में एक ही झुमका पहना है मैंने ।
दूसरी वो अपने पर्स में संभाल के रखता है ।।
रात सारी आँखों में काट दी हम दोनों ने ।
खुद तो पानी पिया नहीं, मुझे भी प्यासा रखता है ।।
महफ़िल में मुझे गले लगाने की जो चाहत हो उसे ।
मेरी दी सर्ट को सीने से लगा के रखता है ।।
बहुत खामोशी से बया कर दी उसने मोहब्बत अपनी ।
बेकार ही लोग कहते हैं , वो दिल में पत्थर रखता है ।।
खुद से ज्यादा करता है हिफ़ाज़त मेरी ।
इसलिए मेरे दामन पे, पर्दा रखता है ।।
क़रीने से मेरे पाँव के नीचे फूल बिछा रखे है ।
काँटो से छाले न पड़ जाए इसका भी ख्याल रखता है ।।
जाने क्यों सब उससे खलिस रखते है ।
बगावत भारी दुनिया में, बच्चो सा वो दिल रखता है।।