बच्चो की सुनों
अपने बच्चों की सुनें
दिलचस्पी लेकर पुरी
धयान देना है जरूरी
बच्चों की पूरी बात पर
कर रही हो आप
जो कुछ भी अभी
छोड कर उसे
बच्चे से मिले तभी
नीचे बैठकर और
उसकी आँखे मे आँखे
डाल कर पूरी करो बात
विनम्र और सहानुभूति
भरे स्वर में उसकी
समस्या को सुलझाने
प्रयास करे सांत्वना देने का
ले कर दिलजसबी पूरी
सहानुभूती के साथ
बच्चे की बात सुनने को
कहते है “”एक्टिंव् लिसनिंग”