137. बच्चों ने नाता तोड़ दिया
बच्चा जब बच्चा होता है,
बहुत ही प्यारा होता है ।
सब लोग उसे प्यार करता है ।
जब वो रोने लगता है तो,
उसे चुप कराने के लिए,
माँ बाप के साथ साथ,
परिवार के अन्य सदस्य भी,
उसके लिए,
हाथी घोड़ा ऊँट बनकर,
बच्चे का मन बहलाता है ।।
जब ठहाके लगाकर हँसता है तो,
सभी का हृदय विभोर हो जाता है ।
जब वो पढ़ने लिखने लगता है तो,
थोड़ा समझदार बन जाता है ।
कभी कभी नासमझी करके,
गलत रास्तों पर भटक जाता है ।।
कभी वो प्यार से गले लगाता है,
तो कभी जिद्दी भी बन जाता है ।।
बच्चा होता दिल का सच्चा,
रहता है वो अकल का कच्चा ।
जब बच्चा बड़ा हो जाता है,
थोड़ा लापरवाह बन जाता है ।
अच्छी बातें उसे बुरी लगती है,
माँ बाप से दुरी अच्छी लगती है ।।
अब कौन समझाये उसे,
ये सब बुरी बात है ।
माँ बाप से दुरी बनाना,
बेटे का विश्वासघात है ।
जिसको हम समझे,
जीवनभर अपना ।
वो समझा हमें बेगाना ।।
इस दिल को लाख जख्म देकर,
वो करता है मनमाना ।।
बातें करना तो दूर,
अब उसे मेरा चेहरा भी पसंद नहीं ।
जिसके लिए मैं पल – पल तड़पा,
उसे अब यहाँ कोई आनंद नहीं ।।
बड़े स्याने हो गये,
वो दिन पुराने हो गये ।
माँ की ममता पिता का प्यार भुले,
ऐसा लगता है जैसे,
उसे कुछ जमाने हो गये ।।
बड़े प्यार से पाला था जिसे,
उसने हमें अकेला छोड़ दिया ।
क्या बातें उसे बुरी लगी हमारी,
जो उस बच्चों ने हमसे नाता तोड़ दिया ।।
कवि – मनमोहन कृष्ण
तारीख – 15/09/2021
समय – 06 : 31 (शाम)