बच्चों की अठखेलियाँ
बच्चें होते कितने प्यारे,
माता पिता के दुलारे ,
सुन कर उनकी बोली,
खुशियों से भरती झोली,
घर आँगन खिल उठते,
हर मन में फूल खिलते,
जब सुनते घुँघरू के सुर,
गम हो जाते फिर फुर्र ,
नन्हे मुन्ने राज दुलारे,
आँखों के है वो तारे ,
घर के सूने सूने कोने,
झूम उठते देख कर सलोने,
माँ के लिए सुत कन्हैया,
लगाता जीवन पार नैया,
बच्चों की सुन अठखेलियाँ,
मिलती हैं भर भर खुशियाँ ,
।।जेपीएल।।